पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को पेश किए गए बजट में किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर किए गए दावों पर खारिज कर दिया. विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा कि ये संभव ही नहीं कि 2022 तक किसानों की आय दो गुनी कर दी जाए.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि साल 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने को लेकर केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है. लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री और ख्यात अर्थशास्त्री  मनमोहन जेटली के दावों से असहमति जताई.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करना तब तक संभव नहीं है जब तक कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 12 प्रतिशत तक नहीं पहुंच जाती. और जब तक हम इसे पा नहीं लेते, यह केवल जुमला ही है.

नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मनमोहन सिंह का बयान पब्लिक के सामने रखा.
पूर्व प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि, 'राजकोषीय घाटे में वृद्धि हुई है.' इससे पहले, सिंह ने कहा था कि यह देखना होगा कि सरकार अपने वादों को कैसे पूरा करेगी.

उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता कि मैं यह कह सकता हूं कि यह बजट चुनावों में फायदा हासिल करने की मंशा से पेश किया गया है, लेकिन मुझे इस बात की चिंता है कि वित्तीय अंकगणित में कुछ गड़बड़ है.'
जब पूर्व प्रधानमंत्री ये यह पूछा गया कि क्या बजट रिफॉर्म के एजेंडे को आगे बढ़ाता दिख रहा है? इस पर मनमोहन सिंह ने कहा कि इस शब्द का कई बार उपयोग और दुरुपयोग हुआ है.
क्या कृषि संकट पिछली सरकारों की वजह से है और यदि नहीं तो इसे किस तरह डील किया जाना चाहिए के सवाल पर उन्होंने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
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