जिस डरबन में रिकॉर्ड हारते रहने का था, उसी डरबन में विराट कोहली और उनकी टीम ऐसे खेली जैसे होम टीम दक्षिण अफ्रीका नहीं, बल्कि इंडिया ही हो. झूमके बरसे विराट और शतक जमाकर रच डाला एक नया इतिहास. इतना ही नहीं, इतिहास एक और तरीके से रचा गया. डरबन में टीम इंडिया ने कभी ढाई सौ रन नहीं बनाए थे, इस बार वो भी हो गया.

भारतीय टीम के सामने बौना हो गया 270 रनों का लक्ष्य. रोहित शर्मा सिर्फ 20 रन बनाकर आउट हो गए. विराट के लिए शिखर को अपना विकेट कुर्बान करना पड़ा. मगर कैप्टन कोहली ने शिखर की कुर्बानी को जाया नहीं जाने दिया. अजिंक्य रहाणे ने भी मौके को खूब भुनाया. शायद उन्होंने भांप लिया था कि कोहली ने उन्हें ट्रायल पर रखा है. लिहाजा खेल गए एक ऐसी पारी जिसने आगे के वनडे मैचों के लिए भी प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह सुरक्षित कर दी.

सेट होने के बाद विराट भी किसी को कहां बख्शते हैं? और उस दक्षिण अफ्रीका को क्यों बख्शते, जिसने टेस्ट सीरीज में उन्हें हार की सौगात दी थी. इस बार बदले में विराट ने अपने 33वें शतक से दक्षिण अफ्रीका को सौगात दी. एक पल के लिए भी विराट और रहाणे ने दक्षिण अफ्रीका को मैच में वापस आने ही नहीं दिया. एक होती है हार और एक होती है हाहाकार. दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए ये हाहाकार ही है.
अगर खुद को बेस्ट बॉलिंग अटैक कहने वाली टीम इस कदर टांय-टांय फिस्स हो जाए, तो हवा बदल ही जाती है. इस जीत के साथ ही भारत ने छह मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बना ली है. दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट पर 269 रन बनाए. भारत ने 45.3 ओवर में चार विकेट पर 270 रन बनाकर जीत दर्ज की.
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