सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि वह सिर्फ भ्रष्टाचार खत्म करने के वादे ही करते हैं, उनकी मंशा ही नहीं है भ्रष्टाचार खत्म करने की. अन्ना ने यहां आयोजित किसान सभा में कहा, "मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद जुलाई 2016 में महज तीन दिन में लोकपाल कानून बना दिया, यह कानून लोकपाल को कमजोर करने वाला कानून है, वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ साढ़े तीन साल बाद भी कोई कानून नहीं बना पाए."

भारत में बस इश्तेहार दिए जाते हैं
हजारे ने कहा, "भ्रष्टाचार मुक्त भारत के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, अखबारों में इश्तेहार दिए जाते हैं, मगर काम नहीं होता. वादों और विज्ञापनों से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा. लोकपाल कानून से उस वादे को हटा ही दिया गया, जिससे भ्रष्टाचार कम हो सकता था. इसमें प्रावधान था कि अफसर हर साल मार्च में अपनी और परिवार की संपत्ति का ब्यौरा देंगे, मगर कमजोर कानून में ऐसा नहीं है. इसने अफसरों को भ्रष्टाचार करने का रास्ता खोल दिया."

मोदी में इच्छाशक्ति है अभाव
अन्ना ने मोदी पर आरोप लगाया, "उनमें इच्छाशक्ति का अभाव है, चुनाव के दौरान जो वादे किए थे, उनमें से किसी पर भी अमल नहीं किया."
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